सी-बक्थोर्न (Sea buckthorn) का इतिहास एवं तथ्य 

            `वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर सी-बक्थोर्न (Sea buckthorn) के सभी औषधीय गुण संजीवनी बूटी से मिलते है। जिसका इस्तेमाल रामायण काल में भगवान श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण जी की मूर्छा समाप्त करने के लिए किया गया था। इसलिए इसे संजीवनी बूटी कहा जाता है।


                  मंगोलियाई शासक चंगेज खान जोकि 13 वीं सदी का महान शासक था। उसे अपनी तीन शक्तियों पर विश्वास था सुव्यवस्थित सेना, कड़ा अनुशासन और सी-बक्थोर्न (Sea buckthorn) । चंगेज खान अपने सैनिकों और घोड़ो को अपार शक्ति और ऊर्जा के लिए नियमित रूप से सी-बक्थोर्न (Sea buckthorn) देता था।


  सी-बक्थोर्न (Sea buckthorn) को एशिया और यूरोप में सदियों से इसके पोषक तत्वों व औषधिय गुणों के कारण प्राचीन चिकित्सा पुस्तक में शामिल किया गया था। 18 वीं सदी की प्राचीन तिब्बती चिकित्सा पुस्तक ‘‘सीबू येदिया’’ में 30 पन्नों पर सी-बक्थोर्न(Sea Buckthorn) के स्वास्थ लाभों का वर्णन किया गया है।



                                सी-बक्थोर्न (Sea Buckthorn) 80 के दशक में रूसी अंतरिक्ष विभाग द्वारा सी-बक्थोर्न (Sea buckthorn) को अपने यात्रियों की पोषण योजना और विकिरण से लड़ने के लिए सप्लींमेंट के रूप में इस्तेमाल किया गया था।






                सी-बक्थोर्न (Sea Buckthorn)- चीन के ओलंपिक खिलाड़ियों की खुराक का एक अहम हिस्सा है। और बीजिंग में 2008 के ओलंपिक खेलों के दौरान सी-बक्थोर्न (Sea Buckthorn) को राष्ट्रीय पेय का स्थान प्राप्त हुआ।




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